अस्ताचलगामी सूर्य को छठ व्रती नें दिया अर्घ्य

कांडी:प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ सहित प्रखंड के सभी छठ घाटों में लोक आस्था का महा पर्व छठ के मौके पर बड़ा उपवास की संध्या में श्रद्धालुओं की भारी संख्या उमड़ रही है। पिछले वर्षों की तुलना में तीन-चार गुना अधिक व्रती सतबहिनी झरना तीर्थ में पहुंच चुके हैं। मनोरम झरना एवं नदी में स्नान करने वालों को स्थान नहीं मिल पा रहा है। बावजूद इसके श्रद्धालुओं की संख्या उमड़ी चली आ रही है। निराहार व्रती नदी की धारा के निकट पहुंचकर तील, जौ एवं अक्षत से जल जगाने के बाद चिड़चिड़ी एवं आम की दातून से मुंह धोने के पश्चात पवित्र झरना में स्नान करके अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दे रहे हैं। जबकि सतबहिनी झरना तीर्थ में जितना भी खाली स्थान यथा झरना घाटी, नवीन यज्ञशाला मैदान, मेला मैदान, तीन-तीन छठ घाट के अलावा विवाह मंडप, दो दो सामुदायिक भवन आदि तमाम जगहों पर व्रती अपना कलश स्थापित कर वहीं पर पूजा अर्चना कर रहे हैं। मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति केह सचिव पंडित मुरलीधर मिश्र एवं अन्य अधिकारियों ने कहा कि अगले छठ के समय और अधिक स्थान उपलब्ध कराए जाने की जरूरत पड़ेगी। दीपदान का पानी में दिखता प्रतिबिंब काफी अलौकिक दृश्य का सृजन कर रहा था। झरना घाटी सहित चारों तरफ से गूंज रहे छठ के गीत भक्तिमय वातावरण का सृजन कर रहे थे। जबकि मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति की ओर से छठ व्रतियों की सुविधा के लिए टेंट, लाइट, पेयजल एवं साउंड की व्यवस्था की गई है। सभी मंदिरों को रंग बिरंगी रौशनी से सजाया गया है। जिससे काफी सुंदर दृश्य का सृजन हो रहा था। इस मौके पर स्थानीय 100 गांव के साथ झारखंड के करीब दर्जन भर जिले एवं देश के आठ विभिन्न राज्यों से छठ व्रती सतबहिनी में आकर छठ के महान  अनुष्ठान में भाग ले रहे हैं। इस स्थल पर खुला खुला स्थान, साफ सुथरा जगह, एवं हरी भरी वादियां, नौ मंदिरों की श्रृंखला, सेतु मार्ग एवं सेतु मार्ग का विस्तार खंड, कलात्मक सीढ़ियां, चारों तरफ फैली हरियाली का लाखों की संख्या में लोग आनंद लेते देखे गए। पूरी संख्या में व्रतियों ने यहीं पर रात्रि जागरण किया। जिससे छठ के गीत गुंजते रहे। जबकि कई जगह बैंड भी बजता रहा। वहीं सब इन्सपेकटर विद्यासागर के नेतृत्व में पुलिस बल भी मुस्तैद रही।

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