इस संबंध में मकरी के ग्रामीणों का कहना है की पूर्व में इस जंगल से इक्का दुक्का शीशम का पेड़ कटाई होता था मगर चार माह पूर्व इस पौधशाला की सुरक्षा के लिए अरुण बैठा नमक वन रक्षी पदस्थापित हुए हैं इसके बाद से लगातार शीशम का पेड़ अंधाधुंध तरीके से कटाई जारी है इस संबंध में पूछने पर वन समिति अध्यक्ष का कहना है की लकड़ी कटाई की सूचना विधाग के पास दिया जाता है मगर इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से पेड़ काटने वालो की संख्या लगातार बढ़ते जा रहा है स्थिति यह है की पूरा वन क्षेत्र खोखला होते जा रहा है जबकि प्रतिदिन वन रक्षी अरुण कुमार पौधशाला में आकर अपनी खाना पूर्ति कर चले जाते है इससे साबित होता है की उक्त वन रक्षी का कटाई करने वालो के साथ मिली भगत है इस स्थिति को देखते हुए इस पौधशाला में लगे कीमती पेड़ काटने पर रोक नहीं लगाया गया तो आने वाले कुछ समय में इस जंगल का अस्तित्व ही मिट जाएगा ।हम सभी ग्रामीण द्वारा तत्काल इस पर रोक लगाने की मांग किया जाता है ।

